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इंग्लैंड के लिए पिता ने ठोका शतक, बेटे ने अंग्रेजों को किया परेशान, भारत को दी ताकत – Hi News India

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भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई जुझारू बल्लेबाज, बहादुर और निडर कप्तान हुए हैं, जिन्होंने देश में क्रिकेट को बुलंदियों तक पहुंचाने का काम किया। अगर भारत के पहले सबसे असरदार कप्तान की बात करें तो उसमें मंसूर अली खान पटौदी यानी टाइगर पटौदी का नाम जरूर आएगा.

आज टाइगर पटौदी की जयंती है. वह पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और हरियाणा के पटौदी के नवाब इफ्तिखार अली खान के बेटे थे, जिन्होंने इंग्लैंड के लिए 3 और भारत के लिए 3 टेस्ट खेले। इफ्तिखार अली खान ने इंग्लैंड के लिए खेलते हुए अपना एकमात्र टेस्ट शतक बनाया।

पिता की राह पर चलकर टाइगर पटौदी ने भी क्रिकेट को चुना। फर्क सिर्फ इतना था कि उन्होंने शुरू से ही भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और इंग्लैंड के खिलाफ विशेष रूप से अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 3 शतक बनाए।

बचपन में एक दुर्घटना में एक आंख गंवाने के बावजूद उन्होंने इस खेल में अपनी एक खास छाप छोड़ी, जिसमें सबसे अहम उनकी कप्तानी थी. वह 21 साल की उम्र में भारत के कप्तान बने और अपने करियर के 46 टेस्ट मैचों में से 40 में कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में ही भारत ने 1967 में पहली बार विदेशी सरजमीं पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट जीता था।

टाइगर पटौदी को एक मजबूत और निडर कप्तान माना जाता था। उन्होंने ही बेदी, प्रसन्ना, वेंकटराघवन और चंद्रशेखर की भारत की स्पिन चौकड़ी तैयार की थी। पटौदी ने अपने 46 टेस्ट करियर में 35 की औसत से 2793 रन बनाए, जिसमें 6 शतक शामिल हैं।

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